कॉलेज टूर

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मेरा नाम आदित्य है। मेरी उम्र 24 वर्ष है। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ।
 
बात उन दिनों की है जब मैं कक्षा 12 में पढ़ रहा था। गर्मी का मौसम था। मेरे कॉलेज का टूर शिमला जा रहा था। मेरे कॉलेज में लड़के और लडकियाँ दोनों पढ़ते थे। मेरी कक्षा में एक लड़की थी, जिसका नाम पूजा था, उसकी उमर कोई 18 साल, कद 5'6", फ़ीगर 34-28-36, गुलाबी रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, गुलाबी होंठ, खूब फूले हुए स्तन, भरे-भरे चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो| मेरी उसके साथ बहुत पटती थी, वो भी टूर जा रही थी। मुझे लगा कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा, पूजा से अपनी दिल की बात कहने का, इसलिए मैं भी टूर जाने के लिए तैयार हो गया।

 
जिस दिन टूर जाना था, सुबह 9 बजे तक सभी लोग अपना-2 सामान लेकर बस में पहुँच गए। पूजा ने नीली जींस और गुलाबी टॉप पहना था, वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
वह मुझे देखकर मुस्कुराई और फिर जाकर बस में बैठ गई। उसके बाद मैं भी बस चढ़ गया। मैंने देखा कि पूजा की बगल वाली सीट खली थी, मैं जल्दी से जाकर वहाँ बैठ गया। बस शिमला के लिए रवाना हो गई।
 
सीट बहुत छोटी थी इसलिए पूजा मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी। वह मुझे बार बार देख कर हल्के से मुस्कुरा देती थी फिर खिड़की से बाहर देखने लगती। इससे मेरा उत्साह बढ़ा और मैंने मौका देखकर धीरे से उसे आई लव यू बोल दिया। उसने भी मुस्करा के सहमति दे दी। खैर दोपहर तक हम लोग शिमला पहुँच गए।
 
शाम तक सभी लोग पहाड़ियों पर घूमे, मैं और पूजा भी साथ-2 थे। मैं मौका देखकर उसे चूम लेता और उसके स्तन दबा देता। उसे भी मज़ा आता था। शाम को सब लोग होटल वापस आने लगे। यहाँ मैं आपको बता दूँ कि वह पर होटल में सबके लिए एक-एक कमरा बुक था। मैंने रास्ते में ही पूजा से रात में मिलने की योजना बना ली थी। होटल पहुँचकर सभी लोग फ्रेश हो गए और सभी ने होटल के रेस्तराँ में डिनर किया। उसके बाद सब लोग अपने-2 कमरे में चले गए। मैं भी अपने कमरे में चला गया।
रात में करीब दस बजे जब सभी लोग सो गए, मैं धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर आया और पूजा के कमरे के दरवाज़े पर धीरे से तीन बार ठक-ठक किया क्योंकि मैंने पहले उसे बता दिया था कि मैं तीन बार ऐसे करूँगा। पूजा ने धीरे से दरवाजा खोला और मेरे अन्दर आने के बाद दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया।
 
मैंने देखा कि उसने गुलाबी रंग की पारदर्शी गाउन पहन रखा था। मैं बेड पर बैठा हुआ था, वो आकर मेरे बगल में बैठ गई पर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। मैंने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसे चूम लिया। वो शर्माने लगी।
मैंने पूछा- तुमने पहले किसी के साथ सेक्स नहीं किया?
पूजा शरमाते हुए बोली- नहीं, अभी तक मेरा कोई ब्वायफ्रेंड नहीं था, और न ही मैंने किसी के साथ यह किया है।
 
मैंने पूछा- यह क्या?
तो वो शरमाते हुए बोली- सेक्स !
मैंने पूछा- मेरे साथ सेक्स करोगी?
तो उसने कुछ नहीं कहा और मुस्कराते हुए आँखें झुका ली। मैं समझ गया कि वो हाँ कहने में शरमा रही है। मैंने अपने हाथ से उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और दस मिनट तक चूमता रहा। अब पूजा एकदम गर्म हो चुकी थी।
 
मैंने एक हाथ उसके चूची के ऊपर रखा और गाउन के ऊपर से ही दबाने लगा, वो सिसक उठी।
फिर मैं अपना दूसरा हाथ गाउन के नीचे से उसकी चूत पर ले गया। मैंने देखा कि उसने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उसकी चूत गीली हो चुकी थी। मैं अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसाने लगा तो वो बोली- उफ़ ! इसे निकालो, बहुत दर्द हो रहा है।
 
मैं बोला- पहली बार थोड़ा दर्द होता है, बाद में मज़ा आने लगेगा।
और मैं अपनी उंगली अन्दर-बाहर करने लगा और वो जोर-2 से सिसकारियाँ लेने लगी। फिर मैंने उठकर अपना पजामा निकाल दिया और अंडरवीयर से लंड बाहर निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा कर हिलाने को कहा तो वो शरमा कर आँखे बंद करने लगी।
मैंने कहा- ऐसे करने से मज़ा आता है।
 
तो वो धीरे-2 हिलाने लगी। मैंने धीरे से उसका गाउन भी निकाल दिया, उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहन रखा था और उसका हाथ हटा कर अपने भी सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों एकदम नंगे हो गए थे।
मैंने अपना लंड उसके मुंह के पास ले जाकर कहा- इसे मुंह में डालो।
पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में मान गई और धीरे से मेरा सुपारा अपने होंठों में रखा और चाटने लगी।
 
फिर मैंने हल्के से धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड उसके गले तक अन्दर चला गया। मैं अपना लंड तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा और दोनों हाथ से उसकी चूचियाँ मसलने लगा। कुछ देर बाद मैं झड़ने लगा और मैंने पूरा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने पूरा वीर्य पी लिया।
फिर मैंने उसे धीरे से पलंग पर लेटा दिया और उसकी टांगें फैलाकर बीच में बैठ गया| मैंने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के दाने पर जैसे ही लगाई, वो तड़प उठी और जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी। 
वो मेरा सर अपने चूत पर दबाने लगी और बोली- उफ्फ्फ ! और तेज़ी से चाटो.... आआआह बड़ा मज़ा आ रहा है।
 
मैं काफी देर तक उसकी चूत चाटता रहा, इस बीच वो दो बार झर चुकी थी। अब वो एकदम गर्म हो चुकी थी और चुदवाने के लिए तड़पने लगी।
उसने तड़पते हुए कहा- आदी ! अब मुझे और न तड़पाओ, जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो, मुझे जल्दी से चोद दो।
 
उसके मुँह से यह सुनकर मैं रोमांचित हो गया, मैंने उठकर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। फिर मैंने लंड उसकी चूत के छेद पर रख दिया। मैंने ज्यों ही ही हल्का सा धक्का लगाया वो दर्द से तड़प उठी और पीछे हट गई। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर दुबारा धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत फाड़ता हुआ घुस गया।
वो दर्द से तड़पने लगी और उसकी आँखों से आंसू गिरने लगे। मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैं धीरे-2 अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
 
कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपना चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी। पूरे कमरे में फच-2 की आवाज़ आने लगी। काफी देर तक मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा, फिर मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो उठ कर घोड़ी बन गई। मैंने पीछे से जाकर अपना लंड उसकी चूत में लगाया और एक जोरदार धक्का लगाया। इस बार पूरा का पूरा लंड एक ही बार में घुस गया।
 
वो तड़प उठी और कहने लगी- आआअह..... ऊऊउईईई.. और तेज़ी से करो।
 
इस दौरान वो तीन बार झरी उसके बाद उसने अपनी चूत को सिकोड़ लिया तो मेरा लंड तेज़ी से रगड़ खाने लगा और कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ !
 
तो वो बोली- मेरी चूत में ही झड़ जाओ।
तो मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और सारा का सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया। उसकी चूत वीर्य से भर गई, मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया, उसकी चूत से वीर्य बाहर निकलता हुआ गांड की छेद पर जा रहा था। उसने मेरा लंड जीभ से चाट कर साफ कर दिया, फिर अपनी चूत को रुमाल से पोछ कर साफ किया और हमने अपने कपड़े पहन लिए।
 
वो मुझसे नज़र नहीं मिला पा रही थी, मैंने उसके होंठों पर एक चुम्बन लिया और चुपचाप से अपने कमरे में चला गया।

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