हमारा छोटा सा परिवार है, जिसमे मैं, मेरा बेटा और उसकी पत्नी, हम साथ साथ रहते हैं।
मेरा बेटा एक बड़ी कंपनी में काम करता है, और उसकी पत्नी पूनम बहुत ही होशियार और पढ़ी-लिखी खूबसूरत लड़की है, उसका स्वभाव बहुत अच्छा है और सबसे हमेशा ख़ुशी से खुल कर बात करती है।
वो जब भी घर से बहार जाती है तो तैयार होकर मेरे पास आकर मुझसे पूछती है- पापा, मैं कैसी लग रही हूँ?
और हमेशा मैं उसे कहता हूँ- बहुत खूबसूरत !
और वो हंसते हुए चली जाती है।
एक दिन की बात है कि मैं अपनी अलमारी में अपने कपड़े रख रहा था कि देखा उनमें एक ब्रा भी थी। मैं समझ गया कि मेरे कपड़ों में मेरी बहू पूनम की ब्रा आ गई है।
मैंने दो दिन तक विचार किया कि पूनम को उसकी ब्रा कैसे वापस दूँ। फिर एक दिन घर पर कोई नहीं था तो मैं उसके कमरे गया ही था ब्रा रखने कि वो आ गई।
मुझे अपने कमरे में देख कर उसने पूछा- कुछ काम है पापा?
मैंने हिचकिचाते हुए कहा- तुम्हारा यह कपड़ा मेरे कपड़ों के साथ आ गया था।
उसकी ब्रा उसके हाथ में देते हुए मैं बोला।
तो पूनम किसी भी तरह की शर्म न दिखाते हुए हंसते- हंसते बोली-, शायद भूल से चला गया होगा।
फिर मैं वहाँ से चला आया, लेकिन तब से मेरे मन में पूनम के प्रति गलत विचार आने लगे।
कुछ दिनों बाद मैं एक काम से मद्रास गया, वहाँ एक शॉप में मैंने एक बहुत खूबसूरत सी ब्रा-पैंटी देखी। मेरा मन किया कि ये मैं पूनम के लिए ले लूँ। मैंने उस ब्रा-पैंटी को खरीद लिया।
जब वापस घर आया तो मेरी हिम्मत ही नहीं हुई उसे देने की ! मैंने उन्हें अपनी अलमारी में रख दिया।
कुछ दिन बाद पूनम मेरी अलमारी में कपड़े ठीक कर रही थी तो उसे वो ब्रा-पैंटी दिख गई और उसने मुझे बुला कर पूछा- ये ब्रा-पैंटी किसके हैं? मेरे तो नहीं हैं।
फिर मैंने उसको बता दिया- मैं ये तुम्हारे लिए लाया था !
तो पूनम खुश होकर बोली- मेरे लिए? थैंक्यू वेरी मच ! बहुत ही अच्छी हैं।
वो तो इतना कह कर ब्रा-पैंटी लेकर चली गई।
दूसरे दिन वो तैयार होकर मेरे पास आई और बोली- मैं कैसी लग रही हूँ?
मैंने उसको देखा तो उसके ब्लाउज़ में से उसकी ब्रा की पट्टी दिख रही थी, मैंने कहा- बहुत खूबसूरत ! बस एक कमी है, तुम्हारी ब्रा की पट्टी दिख रही है।
कहते हुए मैंने खुद ही पट्टी को छुपा दिया तो वो हंसने लगी।
फिर मैंने पूछा- कहाँ जा रही हो तुम?
उसने कहा- अपनी बहन से मिलने जा रही हूँ !
मैंने कहा- तुम्हें जल्दी न हो तो थोड़ी देर मेरे पास बैठो !
वो मान गई और मैं सोफे पर बैठ गया तो वो आकर मेरे गोद में बैठ गई और कहने लगी- पापा, जो ब्रा-पैंटी आपने दी थी, आज मैंने वो पहनी है।
यह सुनकर मेरे मन में अजीब सी तड़प उठी, उसके नाजुक कूल्हे मेरे जांघों पर थे और वो मेरे एकदम नजदीक थी, मेरा मन कर रहा कि अभी उसको बिस्तर पर लिटा लूँ।
पर क्या करता वो मेरे बेटे की पत्नी थी।
फिर भी मैंने उसे कहा- कैसा लगा मेर तोहफ़ा?
वो खुश होते हुए कहने लगी- बहुत अच्छा पापा ! और फिटिंग भी बहुत अच्छी आई है, दिखाऊँ आपको?
यह सुन कर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मैंने सर हिलाते हुए हाँ कहा तो वो अपने ब्लाउज़ के हुक खोलने लगी।
उसके बड़े बड़े स्तन ब्रा में से उछल रहे थे और मक्खन जैसी उसकी नाजुक चमड़ी देख कर मेरा चूमने का मन कर रहा था, लेकिन मैंने किसी तरह कंट्रोल किया और कहा- तुम हो ही इतनी सुन्दर ! तुम पर तो सब कुछ अच्छा ही लगेगा।
पूनम अपना ब्लाउज़ खुला रख कर ही मुझसे बातें करने लगी, मुझसे कहने लगी- पापा मेरी इच्छा है, कुछ दिन आपके साथ अकेले गुजरना चाहती हूँ मैं। मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगता है।
मैंने कहा- सच? फिर तो तुम्हें कहीं घुमाने ले जाना पड़ेगा ! कभी मौका मिलने पर !
पूनम बोली- पक्का ना पापा? ले जाओगे न मुझे?
मैं- हाँ जरूर ले जाऊँगा कभी।
फिर वो अपनी बहन को मिलने चली गई।
तब से मैं भी उस दिन की राह देखने लगा कि कब मेरा बेटा कहीं बाहर जाये और मैं पूनम के साथ वक्त बिता सकूँ।
एक दिन सवेरे सवेरे पूनम दौड़ती हुई आई और कहने लगी- पापा एक खुशखबरी ! सुनील 5 दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं, अब तो मुझे ले चलोगे ना?
मैं भी खुश हो गया और उसे गले लगा लिया और कहा- हाँ जरूर जाएँगे, तुम तैयारी कर लो।
मैं और पूनम हमारे फार्म-हाउस गए क्योंकि वहाँ कोई आता-जाता नहीं और मुझे पूनम के साथ पूरा वक्त बिताने का मौका मिलता।
मैं वहाँ अपने कमरे में जाकर नहाने चला गया और वो भी चली गई। नहाने के बाद मैं टीवी देखने लगा थोड़ी देर बाद आवाज आई- पापा !
मैंने पलट कर देखा तो मैं दंग रह गया, पूनम एक काले रंग के नाईट सूट में मेरे सामने खड़ी थी, एकदम मखमली कपड़ों में उसके बदन से सभी कटाव स्पष्ट दिख रहे थे, उसके बड़े बड़े स्तनों के चुचूक साफ दिख रहे थे, उसकी नायटी की टी शर्ट में से उसका पेट खुला था, उसकी नाभि बहुत खूबसूरत लग रही थी। पजामे से उसके कूल्हों की दरार दिख रही थी उसके पूरे बदन से स्तन और कूल्हे बाहर निकले हुए थे। यह दृश्य देख मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैंने कहा- पूनम, आज तो तुम हुस्न का पहाड़ हो गई हो ! मैंने ऐसी खूबसूरती पूरी जिंदगी में कभी नहीं देखी। आओ, मेरे पास आओ।वो आकर मेरे पास बैठ गई तो मैंने कहा- क्यों, आज मेरी गोद में नहीं बैठोगी?
तो वो हंसते हुए मेरी गोद में बैठ गई, मैं उसे सहलाने लगा और उसकी तारीफ़ करने लगा।
वो बहुत ही खुश थी और कहने लगी- पापा आप न होते तो मेरा क्या होता? आप मेरे दोस्त बन कर मुझे साथ न देते तो शायद में पूरी जिंदगी सुनील के साथ न बिता पाती, चली जाती।
तो मैंने भी जवाब में कहा- मेरे होते हुए तुम्हे कोई चिंता की जरुरत नहीं।
वो ऐसे ही बातें करती रही पर मेरा ध्यान तो उसके बदन में था, मैं यही सोच रहा था कि मैं ऐसा क्या करूँ जिससे पूनम मेरे साथ चुदाई के लिए राजी हो जाये !
फिर मैंने एक योजना बनाई और पूनम को कहा- तुम रसोई के फ्रिज में से शराब की बोतल लेकर आओ !
तो वो लेकर आई और मैं शराब पीने लगा, फिर मैंने पूनम को भी थोड़ी सी शराब पिलाई। अब वो मस्त होने लगी थी, फिर मैंने कहा- चलो पूनम, हम स्वीमिंग पूल में नहाने जाते हैं।
तो वो भी मान गई और हम स्वीमिंग पूल में नहाने लगे, मैं सिर्फ अपनी निकर में था और पूनम अपने नाईट सूट में ही पानी में नहाने लगी। पानी में भीगते उसका पूरा बदन दिखने लगा उसके बड़े से स्तन, उसके चूतड़ और उसकी चूत का आकार भी पूरा दिखने लगा। उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था।
नहाते हुए मैं उसके पूरे बदन को सहलाने लगा तो वो भी मजा लेने लगी। मैंने धीरे धीरे उसके स्तनों पर हाथ फिराया और फिर उसके स्तनों को दबाने लगा, उसको भी मजा आ रहा था। फिर मैंने उसकी टी शर्ट में हाथ डाल दिया और उसके स्तन दबाने लगा फिर मैंने उसका टी शर्ट उतार दिया और उसके स्तनों को देखता ही रह गया, इतने खूबसूरत स्तन मैंने कभी न देखे थे एकदम कसे हुए गोल आधे कटे खरबूजे जैसे उसके स्तनों को देख में तो पागल हो गया।
मैं उसके स्तनों को मुँह में लेकर चूसने लगा और वो भी हल्की हल्की आवाजें निकालने लगी- आह आह...
फिर मैं उसको उठा कर अपने बेडरूम में ले गया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया, वो कहने लगी- पापा, आओ न ! आज मेरी प्यास बुझाओ न !
यह सुन कर मैं और भी उत्तेजित होकर उसके स्तनों को जोर से दबाने, चूसने लगा, काटने लगा।
फिर मैंने उसका गीला पजामा निकाल दिया और उसके दोनों पैरो को फैलाया तो मैं दंग रह गया। उसकी चूत क्या कमाल थी, चूत पर शायद बाल कभी उगे ही नहीं, इतनी कोमल, दूध जैसी सफ़ेद, चूत के होंठ बड़े से गुलाबी रंग के, और गीली होने के कारण चूत चमक रही थी।
मैं बिना कुछ करे उसकी चूत को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, चाटने लगा। वो भी मजा लेती हुई आवाजें निकालने लगी, मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी चूत को उचका कर मेरे मुँह में देने लगी।फिर उसका पानी निकल गया और उसने मुझे झटके से पलट दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई। मेरी निकर में से निकाल कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
थोड़ी देर चूसने बाद उसने वैसे ही बैठे हुए मेरा लंड अपनी चूत में डाल दिया और जोर जोर से उछलने लगी। बहुत देर तक वो करने के बाद थक गई तो मैंने उसको लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसके दोनों पैर मेरे पैरों के बीच में लेकर दबा लिए और चोदने लगा। उसकी चूत बाहर से जितनी खूबसूरत थी उससे कहीं ज्यादा अन्दर से थी।
मैं उसको चोदते हुए उसके होंठों को और स्तनों को दबाते हुए चूम रहा था और वो भी सेक्स का आनंद ले रही थी, अपनी चूत को उछाल-उछाल कर मेरे लंड को अपने अन्दर ले रही थी।
ऐसे ही चोदते हुए उसने कई बार अपना पानी निकाल दिया और काफ़ी देर चोदने के बाद मेरा भी पानी उसकी चूत में ही निकल गया।
हम थक कर चूर हो गए थे, कब नींद आई पता ही न चला। सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि हम नंगे ही एक दूसरे को लिपट कर सोए हुए थे। मैं उठ कर पूनम को देखने लगा और सोचने लगा कि मैं कितना खुश किस्मत हूँ कि मुझे पूनम जैसी हसीं लड़की के साथ चुदाई का मौका मिला।
और मैं पूनम के बदन को सहलाने लगा तो उसकी भी नींद खुल गई, उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मुझे चूमने लगी। मैं भी उसके स्तनों को चूसने लगा तो उसका चुदाई का मन हो गया और उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डलवा लिया और मैं उसको चोदने लगा। थोड़ी देर चोदने के बाद हम दोनों का पानी निकल गया और हम नहाने के लिए साथ गए, हमने एक दूसरे को नहलाया।
आज तो पहला दिन था, सुनील तो 5 दिन बाद वापिस आने वाला था, तब तक हमें यहीं रह कर सेक्स का आनन्द लेना था।
5 दिनों तक मैंने और पूनम ने अलग अलग तरीकों से चोदने का मजा लिया और घर वापिस आ गए। फिर पूनम रोज सवेरे मेरे पास आकर मुझे चोदने को कहती और हम रोज मजा लेते।
तीन साल हो गए ऐसे ही मैं पूनम को चोदता रहा, पूनम को मुझसे एक बेटा हुआ है जो अभी 6 महीने का है। हम आज भी साथ सेक्स का मजा लेते हैं।
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