सुनील मेरा बिजनेस पार्टनर था। एक दिन वो मुझसे बोले कि मैं एक लड़की को जानता हूं और आज ही वो मेरे साथ सिनेमा में गई थी। मैंने पूछा आपको एक दम से कहां से मिल गई लड़की, जो एकदम से तुम्हारे साथ सिनेमा मैं चली गई। तो उसने बोला उसका एक मित्र है आज वो काफ़ी दिन बाद मिला था और वो मुझसे बोला चलो सुनिल आओ मैं तुम्हे अपनी कजिन से मिलाता हूं मैं उनके साथ चला गया और फिर उनके साथ सिनेमा भी देखा। सिनेमा देखने के बाद मैंने कहा, यार तुम तो काफ़ी तेज निकले, पहली बार मे ही उसे पटा लिया। तो वो मुझसे बोला अरे मैं आपको भी मिला दूंगा यार।
अगले दिन वो उसको डिनर पर ले आया और रेस्टोरेन्ट में बैठा कर मेरे पास आ गया। रेस्टोरेन्ट हमारे ऑफ़िस के पास ही था इस लिये वो जल्द ही मेरे पास आ गया मैंने बोला मैं क्या करूंगा यार वहां जाकर, वहां तो तुम्हारी गर्ल फ़्रेन्ड है तुमही एनजोय करो्। बोला नहीं यार चलो उसके साथ उसकि एक मित्र है आप उसके साथ सेटिंग कर लेना। उसके द्वारा काफ़ी दबाव डालने के बाद मैं उसके साथ चला गया। मैं जाकर देखता हूं कि सुनिल की गर्ल फ़्रेन्ड कहने की आवश्यकता नही थी कि वो बहुत ही खूबसुरत थी। एक बार तो मैं भी घबरा गया कि इतनी खूबसुरत लड़की इसे कहां से मिल गई। मैं उसके बगल मैं बैठ गया और बातें करने लगा क्योंकि मैं तो उसकि मित्र को फ़ोकस कर रहा था। इसलिये मेरा दिमाग उसकी तरफ़ लगा हुआ था। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं कि मेरी सेटिंग उसके साथ हो जाए।
वह मुझे ये मालूम हुआ के वो लोग यहां होस्टल मैं रहती है और यहां जोब करती है और उसकी मित्र यहां अभी कॉलेज मैं पढ रही है्। मैं आपको सुनिल की गर्ल फ़्रेन्ड का नाम बताना भूल गया उसका नाम (उर्वशी)था और उसकी मित्र का नाम अनीता था। डिनर के बाद वो लोग वहां से चली गई। सुनिल मेरे से बोला क्या हुआ कुछ सेटिंग हुई या नहीं। मैंने बोला- यार कुछ हो नहीं पाया। बोला- कोई बात नहीं, मैं उर्वशी को बोलकर तुम्हारी सेटिंग करा दूंगा। मैं बोला- ओके।
इसके बाद लगभग छः माह बाद सुनिल बोला- मै बंगलोर जा रहा हूं साथ मैं उर्वशी भी जा रही है।
मैं बोला- फिर तो पूरा एनजोय करोगे?
बोला- नहीं, यार वो बोल रही है कि मेरे लिये अलग से कमरा बुक करना।
इस बीच उर्वशी मुझे रेगुलर फोन करती थी और मैं उससे मिलने जाता था। जब वो लोग बंगलौर जा रहे थे तो मैंने उर्वशी को बोला कि आप लोग जा रहे हो, सभी कुछ मंगलमय हो, आपकी यात्रा सुखद रहे। बैंगलोर से आने के बाद वो मेरे लिये गिफ़्ट लेकर आई, लेकिन सुनिल मेरे लिये कुछ नहीं लाया मैंने पूछा- यार तुम मेरे लिये कुछ लेकर नहीं आये। बोला- यार एक ही बात है अब कुछ ही दिन में मैं उर्वशी से शादी कर लूंगा। मैं बोला- यह क्या कह रहे हो, तुम तो एन्गेजेड हो। बोला- उर्वशी से शादी करूंगा। मैं बोला- उर्वशी को मालूम है कि तुम्हारी एन्गेजमेन्ट हो चुकी है। बोला- अभी नहीं मालूम लेकिन मैं उसे ये सब बता दूंगा। मैं बोला- यह बात गलत है आप उसे साफ़ साफ़ कहो अगर वो आपके साथ वो राजी हो, तभी आप उससे मिलो वरना उससे मिलना छोड़ दो। यहीं से मेरी और सुनील कि खटपट होने लगी।
मैं ने उर्वशी को बता दिया कि सुनिल की एन्गेजमेन्ट हो चुकी है। उसे बहुत दुख हुआ लेकिन उसने दृढता के साथ के साथ कहा सुनिल मेरे साथ ही शादी करेगा। इस बीच उर्वशी के फोन काफ़ी आने लगे थे मेरे पास और वो बोलती थी कि आ जाओ मुझे आपसे कुछ बात करनी है। मैं भी उससे रेगुलर मिलने लगा। अब वो कुछ दिन के लिये अपने होम सिटी जा रही थी। मैं उसे जब छोड़ने गया तो उसने मुझसे बोला कि आप मुझे मेरे घर पर फोन करना।
उसके कहने का अन्दाज़ ऐसा था उसकी सेक्सी आंखो में मैं डूब गया और उस रात मैं बिलकुल सो नहीं सका। अगले दिन मैंने उसे दिन को दो बजे फोन किया। एक ही बेल पर उसने फोन उठा लिया और बोली- मुझे मालूम था कि आप फोन करोगे।
मैंने पूछा- आप कब वापस आ रही हैं।
उसने बोला- जब आप कहो।
मैं बोला- कल ही आ जाओ।
तो वो अगले दिन ही लौट कर आ गई और आने के बाद मुझे फोन किया कि मैं आ गई हूं। आप कब मिलने आ रहे है। मैं बोला मैं आपके होस्टल के गेट पर मिलता हूं।
फिर उसके बाद हम डिनर करेने गये और हम लोगो ने डिनर किया मैंने उससे पूछा कि यह बताओ कि आपने मुझे इस तरह से क्यों देखा था उस दिन स्टेशन पर। तो वो मुसकरा दी और बोली। आई लव यू साजिद्। मैं एक दम से चौंक गया। बोली- मैंने तो आपको उसी दिन अपने दिल मैं बैठा लिया था जिस दिन आप मुझसे पहली बार मिले थे। मैं बोला ओह्हह्हह्हह्ह तो आपने पेहले क्यों नहीं बोला। बोली- आप क्यों नहीं समझे एक लड़की लड़के को अपने पास क्यों बुलाती है।
फिर हम लोग खूब मिलते रहे। लेकिन सिरफ़ बागों में। किसेस भी खूब करते थे। एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे कहा- मैं देहरादून जा रहा हूं एक दिन के लिये। आकर मिलते है। बोलि- मैं भी चलूं। मैं तो चाहता ही यही था। फिर अगले दिन हम लोग देहरादून के लिये रवाना हो गये। रात्री की बस थी। मैं बस मैं उसके साथ ओरल सेक्स कर रहा था, लेकिन बार- बार वो मना करती रही। मैं थोड़ी देर के लिये रुक जाता और फिर शुरू हो जाता। अब हम देहरादून पहुंच चुके थे। लगभग रात के दस बज रहे थे। कही डिनर का भी पता भी नही था। मैं सीधे होटल पहुंचा और एक रूम बुक कराया। होटल भी अच्छा था। उसके चार्जेज सात सौ रुपये था।
अब वो बोली- मैं भी इसी मैं रहूं आपके साथ।
मैं बोला- अगर नहीं रहना हो तो नीचे जाकर एक रूम और बुक कर लेते हैं।
बोली- कोई बात नहीं। इसी में शेयर कर लेंगे।
फिर वो फ़्रेश हुई और मैं भी फ़्रेश होकर बेड पर लैट गया। अब हम लोगो ने सेक्स कि बातें आरम्भ कर दी। धीरे धीरे मैंने उसकी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और कंधो को सहलाया। उसने ब्रा भी नहीं पहनी हुइ थी। लेकिन मैं फिर भी टॉयलेट के बहाने उठा और देखा के टॉयलेट मैं उसकी ब्रा और पेन्टी उतार कर रखी हुई थी। अब मैं भी रेलक्स होकर बेड पर आ गया मैं भी अपना अंडरवियर उतार कर टॉयलेट मैं रख दिया था। मैंने दोबारा से अपना एक हाथ उसकी जांघो पर रख दिया और बातें करने लगा। उसने भी मुस्करा कर उत्तर दिया। फिर मैंने उसकी चूंचियों पर अपना दूसरा हाथ रख दिया और उसे दबाने लगा और जांघो पर मसलने लगा। वो बोली येह क्या कर रहे हो। मैं बोला कुछ नहीं होगा। बोली यह सब अच्छा नहीं है। मैंने कहा मैं सिर्फ़ ओरल करूंगा तो वो ओरल के लिये राजी हो गई।
फिर मैं उसके पेट को चूमने लगा। धीरे धीरे मैं उसकि पूरे जिस्म को चूमने लगा। अब वो भी बहुत गरम हो रही थी। अब उसे भी मज़ा आने लगा था। मैंने धीरे से उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत पर हाथ लगाया। वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और चिप चिपा रही थी। मैं ने धीरे से अपनी एक अंगुली उसकी चूत मैं डाली। फिर धीरे धीरे मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिये। फिर मैंने उसकी चूंचियां को चूसना आरम्भ कर दिया। उसके गुलाबी उरोज के निप्पल अब पूरी तरह से कड़क हो चुके थे। वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। मैंने उसको बोला मेरे लण्ड को चूसो। वो बोलि नहीं। फिर मेरे समझाने पर उसने लण्ड को खूब चूसा। उसके चूसते चूसते दस पन्द्रह मिनट में मै झड़ गया। मेरा सारा माल उसके मुख मैं था।
वो बोली- क्या करूं?
मैंने बोला- अगर पीना है तो पी लो ! नहीं तो बाथरूम में थूक दो।
बोली- आज पीकर देखती हूं।
फिर मैं उसके मुख में लण्ड दबाता रहा और वो मेरे लण्ड को अपने हाथ से भी फिर से मुठ्ठ मारने लगी।
मेरा नौ इन्च का लण्ड फिर से तैयार था। उसे चोदने को लण्ड फ़ड़फ़ड़ा रहा था। वो भी पूरी तरह से चुदने के लिये तैयार थी। चुदाई से पहले हम दोनों में एक शर्त लगी कि पहले कौन झड़ेगा?
वो बोली- मैं आपको दस मिनट में झड़ा दूंगी।
मैं बोला- नहीं कर सकती।
मैं डाल कर भूल गया, वो चिल्लाती रही- करो नाआआआआआआआअ चोदो ! अब मुझसे नहीं रहा जा रहा।
मैं बोला- अभी तुम झर जाओ, मैं तो बाद मैं ही करूंगा।
बोली- नहीं मेरी फ़ाड़ो जल्दी से।
फिर वो मेरे ऊपर आ गई और खूब उसने शॉट लगाए और मैं भी अब पूरी तरह से रेडी हो चुका था फिर मैंने भी खूब जबरदस्त धक्के लगाये। फिर उसी की चूत मे झड़ गया। वो बोली आपने मुझे दो बार डिस्चार्ज करवा दिया। फिर यह सिलसिला पूरी रात चला जरा सोचिये मैंने उसे पूरी रात में छः बार चोदा। अब मैं पूरी तरह से टूट चुका था और मेरा पूरा शरीर थक गया था।
मैं लगभग सुबह छः बजे सोया था और ग्यारह बजे उठा। तब मै फ़्रेश हुआ फिर उर्वशी भी फ़्रेश होने गई। उसने मुझे भी अन्दर बुला लिया और फिर अन्दर भी हम दोनो ने बहुत मज़ा लिया और दिन भर फिर हम लोग चुदाई ही करते रहे। बहुत मज़ा आया फिर बस मैंने उसे चोदा क्योंकि बस मैं हमारे अलावा एक न्यूली मेरीड कपल था उस कपल ने भी बस मैं ही अपनी पत्नी को चोदा और मैंने भी खूब सेक्स किया....
अगले दिन वो उसको डिनर पर ले आया और रेस्टोरेन्ट में बैठा कर मेरे पास आ गया। रेस्टोरेन्ट हमारे ऑफ़िस के पास ही था इस लिये वो जल्द ही मेरे पास आ गया मैंने बोला मैं क्या करूंगा यार वहां जाकर, वहां तो तुम्हारी गर्ल फ़्रेन्ड है तुमही एनजोय करो्। बोला नहीं यार चलो उसके साथ उसकि एक मित्र है आप उसके साथ सेटिंग कर लेना। उसके द्वारा काफ़ी दबाव डालने के बाद मैं उसके साथ चला गया। मैं जाकर देखता हूं कि सुनिल की गर्ल फ़्रेन्ड कहने की आवश्यकता नही थी कि वो बहुत ही खूबसुरत थी। एक बार तो मैं भी घबरा गया कि इतनी खूबसुरत लड़की इसे कहां से मिल गई। मैं उसके बगल मैं बैठ गया और बातें करने लगा क्योंकि मैं तो उसकि मित्र को फ़ोकस कर रहा था। इसलिये मेरा दिमाग उसकी तरफ़ लगा हुआ था। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं कि मेरी सेटिंग उसके साथ हो जाए।
वह मुझे ये मालूम हुआ के वो लोग यहां होस्टल मैं रहती है और यहां जोब करती है और उसकी मित्र यहां अभी कॉलेज मैं पढ रही है्। मैं आपको सुनिल की गर्ल फ़्रेन्ड का नाम बताना भूल गया उसका नाम (उर्वशी)था और उसकी मित्र का नाम अनीता था। डिनर के बाद वो लोग वहां से चली गई। सुनिल मेरे से बोला क्या हुआ कुछ सेटिंग हुई या नहीं। मैंने बोला- यार कुछ हो नहीं पाया। बोला- कोई बात नहीं, मैं उर्वशी को बोलकर तुम्हारी सेटिंग करा दूंगा। मैं बोला- ओके।
इसके बाद लगभग छः माह बाद सुनिल बोला- मै बंगलोर जा रहा हूं साथ मैं उर्वशी भी जा रही है।
मैं बोला- फिर तो पूरा एनजोय करोगे?
बोला- नहीं, यार वो बोल रही है कि मेरे लिये अलग से कमरा बुक करना।
इस बीच उर्वशी मुझे रेगुलर फोन करती थी और मैं उससे मिलने जाता था। जब वो लोग बंगलौर जा रहे थे तो मैंने उर्वशी को बोला कि आप लोग जा रहे हो, सभी कुछ मंगलमय हो, आपकी यात्रा सुखद रहे। बैंगलोर से आने के बाद वो मेरे लिये गिफ़्ट लेकर आई, लेकिन सुनिल मेरे लिये कुछ नहीं लाया मैंने पूछा- यार तुम मेरे लिये कुछ लेकर नहीं आये। बोला- यार एक ही बात है अब कुछ ही दिन में मैं उर्वशी से शादी कर लूंगा। मैं बोला- यह क्या कह रहे हो, तुम तो एन्गेजेड हो। बोला- उर्वशी से शादी करूंगा। मैं बोला- उर्वशी को मालूम है कि तुम्हारी एन्गेजमेन्ट हो चुकी है। बोला- अभी नहीं मालूम लेकिन मैं उसे ये सब बता दूंगा। मैं बोला- यह बात गलत है आप उसे साफ़ साफ़ कहो अगर वो आपके साथ वो राजी हो, तभी आप उससे मिलो वरना उससे मिलना छोड़ दो। यहीं से मेरी और सुनील कि खटपट होने लगी।
मैं ने उर्वशी को बता दिया कि सुनिल की एन्गेजमेन्ट हो चुकी है। उसे बहुत दुख हुआ लेकिन उसने दृढता के साथ के साथ कहा सुनिल मेरे साथ ही शादी करेगा। इस बीच उर्वशी के फोन काफ़ी आने लगे थे मेरे पास और वो बोलती थी कि आ जाओ मुझे आपसे कुछ बात करनी है। मैं भी उससे रेगुलर मिलने लगा। अब वो कुछ दिन के लिये अपने होम सिटी जा रही थी। मैं उसे जब छोड़ने गया तो उसने मुझसे बोला कि आप मुझे मेरे घर पर फोन करना।
उसके कहने का अन्दाज़ ऐसा था उसकी सेक्सी आंखो में मैं डूब गया और उस रात मैं बिलकुल सो नहीं सका। अगले दिन मैंने उसे दिन को दो बजे फोन किया। एक ही बेल पर उसने फोन उठा लिया और बोली- मुझे मालूम था कि आप फोन करोगे।
मैंने पूछा- आप कब वापस आ रही हैं।
उसने बोला- जब आप कहो।
मैं बोला- कल ही आ जाओ।
तो वो अगले दिन ही लौट कर आ गई और आने के बाद मुझे फोन किया कि मैं आ गई हूं। आप कब मिलने आ रहे है। मैं बोला मैं आपके होस्टल के गेट पर मिलता हूं।
फिर उसके बाद हम डिनर करेने गये और हम लोगो ने डिनर किया मैंने उससे पूछा कि यह बताओ कि आपने मुझे इस तरह से क्यों देखा था उस दिन स्टेशन पर। तो वो मुसकरा दी और बोली। आई लव यू साजिद्। मैं एक दम से चौंक गया। बोली- मैंने तो आपको उसी दिन अपने दिल मैं बैठा लिया था जिस दिन आप मुझसे पहली बार मिले थे। मैं बोला ओह्हह्हह्हह्ह तो आपने पेहले क्यों नहीं बोला। बोली- आप क्यों नहीं समझे एक लड़की लड़के को अपने पास क्यों बुलाती है।
फिर हम लोग खूब मिलते रहे। लेकिन सिरफ़ बागों में। किसेस भी खूब करते थे। एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे कहा- मैं देहरादून जा रहा हूं एक दिन के लिये। आकर मिलते है। बोलि- मैं भी चलूं। मैं तो चाहता ही यही था। फिर अगले दिन हम लोग देहरादून के लिये रवाना हो गये। रात्री की बस थी। मैं बस मैं उसके साथ ओरल सेक्स कर रहा था, लेकिन बार- बार वो मना करती रही। मैं थोड़ी देर के लिये रुक जाता और फिर शुरू हो जाता। अब हम देहरादून पहुंच चुके थे। लगभग रात के दस बज रहे थे। कही डिनर का भी पता भी नही था। मैं सीधे होटल पहुंचा और एक रूम बुक कराया। होटल भी अच्छा था। उसके चार्जेज सात सौ रुपये था।
अब वो बोली- मैं भी इसी मैं रहूं आपके साथ।
मैं बोला- अगर नहीं रहना हो तो नीचे जाकर एक रूम और बुक कर लेते हैं।
बोली- कोई बात नहीं। इसी में शेयर कर लेंगे।
फिर वो फ़्रेश हुई और मैं भी फ़्रेश होकर बेड पर लैट गया। अब हम लोगो ने सेक्स कि बातें आरम्भ कर दी। धीरे धीरे मैंने उसकी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और कंधो को सहलाया। उसने ब्रा भी नहीं पहनी हुइ थी। लेकिन मैं फिर भी टॉयलेट के बहाने उठा और देखा के टॉयलेट मैं उसकी ब्रा और पेन्टी उतार कर रखी हुई थी। अब मैं भी रेलक्स होकर बेड पर आ गया मैं भी अपना अंडरवियर उतार कर टॉयलेट मैं रख दिया था। मैंने दोबारा से अपना एक हाथ उसकी जांघो पर रख दिया और बातें करने लगा। उसने भी मुस्करा कर उत्तर दिया। फिर मैंने उसकी चूंचियों पर अपना दूसरा हाथ रख दिया और उसे दबाने लगा और जांघो पर मसलने लगा। वो बोली येह क्या कर रहे हो। मैं बोला कुछ नहीं होगा। बोली यह सब अच्छा नहीं है। मैंने कहा मैं सिर्फ़ ओरल करूंगा तो वो ओरल के लिये राजी हो गई।
फिर मैं उसके पेट को चूमने लगा। धीरे धीरे मैं उसकि पूरे जिस्म को चूमने लगा। अब वो भी बहुत गरम हो रही थी। अब उसे भी मज़ा आने लगा था। मैंने धीरे से उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत पर हाथ लगाया। वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और चिप चिपा रही थी। मैं ने धीरे से अपनी एक अंगुली उसकी चूत मैं डाली। फिर धीरे धीरे मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिये। फिर मैंने उसकी चूंचियां को चूसना आरम्भ कर दिया। उसके गुलाबी उरोज के निप्पल अब पूरी तरह से कड़क हो चुके थे। वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। मैंने उसको बोला मेरे लण्ड को चूसो। वो बोलि नहीं। फिर मेरे समझाने पर उसने लण्ड को खूब चूसा। उसके चूसते चूसते दस पन्द्रह मिनट में मै झड़ गया। मेरा सारा माल उसके मुख मैं था।
वो बोली- क्या करूं?
मैंने बोला- अगर पीना है तो पी लो ! नहीं तो बाथरूम में थूक दो।
बोली- आज पीकर देखती हूं।
फिर मैं उसके मुख में लण्ड दबाता रहा और वो मेरे लण्ड को अपने हाथ से भी फिर से मुठ्ठ मारने लगी।
मेरा नौ इन्च का लण्ड फिर से तैयार था। उसे चोदने को लण्ड फ़ड़फ़ड़ा रहा था। वो भी पूरी तरह से चुदने के लिये तैयार थी। चुदाई से पहले हम दोनों में एक शर्त लगी कि पहले कौन झड़ेगा?
वो बोली- मैं आपको दस मिनट में झड़ा दूंगी।
मैं बोला- नहीं कर सकती।
मैं डाल कर भूल गया, वो चिल्लाती रही- करो नाआआआआआआआअ चोदो ! अब मुझसे नहीं रहा जा रहा।
मैं बोला- अभी तुम झर जाओ, मैं तो बाद मैं ही करूंगा।
बोली- नहीं मेरी फ़ाड़ो जल्दी से।
फिर वो मेरे ऊपर आ गई और खूब उसने शॉट लगाए और मैं भी अब पूरी तरह से रेडी हो चुका था फिर मैंने भी खूब जबरदस्त धक्के लगाये। फिर उसी की चूत मे झड़ गया। वो बोली आपने मुझे दो बार डिस्चार्ज करवा दिया। फिर यह सिलसिला पूरी रात चला जरा सोचिये मैंने उसे पूरी रात में छः बार चोदा। अब मैं पूरी तरह से टूट चुका था और मेरा पूरा शरीर थक गया था।
मैं लगभग सुबह छः बजे सोया था और ग्यारह बजे उठा। तब मै फ़्रेश हुआ फिर उर्वशी भी फ़्रेश होने गई। उसने मुझे भी अन्दर बुला लिया और फिर अन्दर भी हम दोनो ने बहुत मज़ा लिया और दिन भर फिर हम लोग चुदाई ही करते रहे। बहुत मज़ा आया फिर बस मैंने उसे चोदा क्योंकि बस मैं हमारे अलावा एक न्यूली मेरीड कपल था उस कपल ने भी बस मैं ही अपनी पत्नी को चोदा और मैंने भी खूब सेक्स किया....
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